(चित्र साभार गूगल )
एक ज्ञानी महात्मा अपने गुरकुल मे शिष्यो को शिक्षा प्रदान करते थे। एक दिन गुरूजी से एक शिष्य ने प्रश्न किया की गुरूजी सफलता प्राप्त करने के लिये कितने प्रयास की आवश्यकता होती है? गुरूजी ने प्रश्न ध्यान से सुना और बोले बेटा इस प्रश्न का उत्तर समय आने पर दूँगा। एक -दो दिन का समय गुजरा,सभी गुरू-शिष्य नदी मे स्नान के लिये गए। सभी स्नान कर रहे थे की गुरूजी ने उस प्रश्न पूछने वाले शिष्य की गर्दन पकड़कर पानी मे डुबो दी। शिष्य ने गर्दन पानी से बहार निकलने का अथक प्रयास किया लेकिन सफल नही हुआ। जब शिष्य का दम गुटने लगा और उसे मौत साक्षात दिखाई दी तो उसने पूरा प्रयास कर गुरूजी को पानी मे दूर फेक दिया और गर्दन छुटाकर पानी से बहार निकलकर बेसुध् होकर लेट गया। गुरूजी मुस्कुराते हुए शिष्य के पास आए और बोले बेटा क्या हुआ? शिष्य नाराज होकर बोला गुरूजी क्या जान लेने का इरादा था? गुरूजी बोले नही बेटा -अच्छा ये बता की जान बचाने के लिये तुमने कितना प्रयास किया? शिष्य बोला गुरूजी महा अथक प्रयास किया।गुरूजी बोले बेटा -तो सफलता के लिये भी इतने ही प्रयास की आवश्यकता होती है। अब तक सभी शिष्य गुरूजी की दी शिक्षा ग्रहण कर चुके थे।
अच्छी ज्ञानवर्धक कहानी पढकर अच्छा लगा.
ReplyDeleteसचिन भाई ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद
Deletehttps://ekparyash.wordpress.com/
ReplyDeleteबेहतर कहानी है
ReplyDeleteप्रेरक प्रस्तुति ..
ReplyDeleteआपको जन्मदिन की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDelete
ReplyDeleteआपको जन्मदिन की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं