कुन्नु का कोना

-कुन्नु की तुकबंदी -

आओ मिलो सिलो सालो 
कच्चा धागा रेस लगलो 
आसमान मे जायंगे , चार पत्ते लायेंगे 
एक पत्ता कच्चा ,हिरन का बच्चा 
हिरन गया पानी मे ,पकड़ा उसकी नानी ने 
नानी गयी लन्दन ,वहाँ से लायी दो कंगन 
एक कंगन टूट गया ,नानी का दिल रूठ गया 
नानी को मनायेंगे ,रस मलई खायेंगे 
रस मलई मीठी , मुह से बज गयी सिटी 
सिटी हम बजायेंगे, समोसे भी खायेंगे 
समोसे थे सस्ते , लाल जी नमस्ते

-काली चिड़या-

काली चिड़या कलमच कु
तेरी पुछ लपालच कु 
जब तू जल मे गोता मारे 
चलपच लचपच कलमच कु

-ऊपर पंखा चलता है-

ऊपर पंखा चलता है, नीचे कुन्नु सोता है 
सोते -सोते भूख लगी, खालो बेटा मूंगफली 
मूंगफली मे दाना नही, हम तुम्हारे नाना नही
 नाना गये दिल्ली, वहा से लाए दो बिल्ली
 एक बिल्ली कानी, सब बच्चो की रानी। 

No comments:

Post a Comment